सूर्य ग्रहण 2025 की तारीख और समय
2025 में दो सूर्य ग्रहण होंगे:
29 मार्च 2025 (आंशिक सूर्य ग्रहण)
समय : प्रातः 10:09 बजे से दोपहर 03:22 बजे तक (भारतीय समय)।
अवधि : लगभग 5 घंटा 13 मिनट।
21 सितम्बर 2025 (आंशिक सूर्य ग्रहण)
समय : रात 10:42 बजे से 22 सितंबर की सुबह 02:25 बजे तक (भारतीय समय समाचार)।
अवधि : लगभग 3 घंटा 43 मिनट।
सूर्य ग्रहण 2025 का भौगोलिक दृश्य
29 मार्च 2025 का ग्रहण : यह ग्रहण यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका की कुछ विचारधाराएँ सामने आईं। भारत में ये ग्रहण नहीं दिखता ।
21 सितंबर 2025 का ग्रहण : ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के क्षेत्र से। भारत में भी इसकी दृश्यता सीमित होगी।
सूर्य ग्रहण के प्रकार
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं:
पूर्ण सूर्य ग्रहण : जब चंद्रमा सूर्य पूरी तरह से प्रभावित होता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण : चंद्रमा सूर्य के बीच वाले हिस्से को ढकता है, जिससे सूर्य का वलयाकार एक जैसा दिखता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण : चंद्रमा सूर्य का केवल एक भाग ही मिलता है।
2025 के दोनों ग्रहण आंशिक प्रकार केहोगे।
सूर्य ग्रहण समय सावधानियां
ग्रहण को नंगी आँखों से देखने के लिए आँखों की तलाश की जा सकती है। इन बातों का ध्यान:
सौर फिल्टर ग्लास का उपयोग करें।
टेलीस्कोप या बाइनोक इलेक्ट्रॉनिक्स से सीधे सूर्य को न देखें।
DIY उपकरण जैसे पिनहोल कैमरे का उपयोग करें।
गर्भवती महिलाएं और बच्चे विशेष सावधानी बरतें।
सूर्य ग्रहण से जुड़े मिथक बनाम वैज्ञानिक तथ्य
आर.वी.:
ग्रहण के दौरान खाना बनाना या खाना अशुभ होता है।
ग्रहण के समय पेड़-पौधों को खाने से बचना चाहिए।
वैज्ञानिक तथ्य:
लीप का खाने-पीने से कोई संबंध नहीं है, लेकिन यूवी किरण के प्रभाव से पता चलता है।
ग्रहण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण 2025
हिन्दू ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रहण का विशेष प्रभाव स्टॉक पर है।
मेष, सिंह और धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ माना जा सकता है।
कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को सावधान सलाख़ की सलाह दी जाती है।
उपाय : ग्रहण के बाद दान-पुण्य करना और मंत्र जाप करना माना जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
सूर्य ग्रहण 2025 भारत में क्या है?
29 मार्च का ग्रहण नहीं, 21 सितंबर का कुछ सीमित दृश्यता होगी।
ग्रहण के दौरान क्या करें?
भक्ति करें, मंत्र जाप करें या वैज्ञानिक साधक से ग्रहण करें।
ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा?
ज्योतिषियों के अनुसार, भारत में दिखाई न देने वाले ग्रहण का सूतक लागू नहीं होता।
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सूर्य ग्रहण 2025 एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिसे समझना और सुरक्षित तरीके से देखना ज़रूरी है। चाहे आप इसके वैज्ञानिक पहलू में दिलचस्पी रखते हों या ज्योतिषीय प्रभाव जानना चाहते हों, सही जानकारी और सावधानी बरतना ही सबसे महत्वपूर्ण है। ग्रहण से जुड़े मिथकों से परे हटकर, इसे प्रकृति के अद्भुत नज़ारे के रूप में अनुभव करें!
इस लेख में दी गई जानकारी खगोलीय गणनाओं और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। ग्रहण देखने से पहले स्थानीय समय और दृश्यता की पुष्टि अवश्य कर लें।